Tuesday, December 1, 2009

नैनीताल

नैनीताल


अपने आसपास झीलों के समूह (भीम ताल, सात ताल, नौकुचिया ताल और वस्तुत:, नैनी) के कारण झीलों के शहर नैनीताल को एक उत्कृष्ट नगीना कहा जाता है। अन्य रूप में भारत का पहला राष्ट्रीय पार्क-कॉर्बेट, टिम्बर व्यापार के लिए प्रसिद्ध और कुमाऊं क्षेत्र का संपर्क रेलवे स्टेशन काठगोदाम, प्रमुख फल-मार्किट भोवाली और उपजाऊ गेहूं क्षेत्र तथा जिम कार्बेट का घर कालाडूंगी इस जिले की अन्य पहचान हैं।
भगवान शिव की पत्नी देवी सती की बाईं आंख से निकली नैनी झील का पानी पवित्र माना जाता है। झील के किनारे स्थित नैना देवी मंदिर में प्रति वर्ष शरद ऋतु में बड़ा भारी मेला भरता है।
विभिन्न गतिविधियों का आनंद लेने वाले पर्यटकों के लिए यहां बहुत कुछ है : बोटिंग या भिन्न-भिन्न रंगों वाली नौकाएं चलाना, घुड़सवारी; छायादार पेड़ों से घिरे मार्गों की सैर; रोप-वे की सैर; और लकड़ी की बनी वस्तुओं, विभिन्न आकार की मोमबत्तियों बांस की टोकरियों की खरीदारी।
नैनी झील के चारों ओर हिमालय का शानदार दृश्य दिखाई देता है : नालना चोटी (2611 मी.) 5.6 कि.मी. - सबसे ऊंची है; लारिया कांटा (2481 मी.) 5.6 कि.मी.- दूसरी सबसे ऊंची चोटी है; स्नो-व्यू (2270 मी.) 2.4 कि.मी. - यहां तक घोड़े पर या केबल कार द्वारा पहुंचा जा सकता है ; डोरोथी सीट (2292 मी.) 4.3 कि.मी.- शहर का और इसके आसपास के क्षेत्रों का दृश्य यहां से दिखाई देता है; और लैंड्स इंग. (2118 मी.) 4.8 कि.मी.- यहां से खुर्पा ताल, एक धार्मिक केंद्र हनुमानगढ़ी (1951 मी.) 3 कि.मी. - के सुंदर दृश्य दिखाई देते हैं; स्टेट ऑब्जर्वेटरी (1951 मी.) 4 कि.मी. - एस्ट्रोनॉमिकल स्टडी का केंद्र और किलबरी (2194 मी.) 11 कि.मी. - ट्रेकिंग के लिए एक आदर्श स्थान है, इनके अलावा भी आपपास कई दर्शनीय स्थान हैं।
स्मारक एवं दर्शनीय स्थल

भीम ताल:
(1371 मी., 22 कि.मी.) नैनी से बड़ी, इस झील का नाम महाभारत ग्रंथ के एक पांडव नायक भीम के नाम पर पड़ा है। इस सुंदर रिजॉर्ट में रहने के अलावा बोटिंग और फिशिंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
भोवाली :

रानीखेत या अल्मोड़ा जाते हुए 11 कि.मी. दूर 1706 मी. की ऊंचाई पर यह एक प्रमुख फल-मार्किट है, यहां से केवल 3 कि.मी. दूर गोराकल है, जो गोल्लु देवता के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, कुमाऊं के लोग इनकी पूजा करते हैं।

कॉर्बेट नेशनल पार्क:
115 कि.मी. (बरास्ता कालाडूंगी) दूर भारत का प्रसिद्ध वन्य प्राणी उद्यान है। जो नामी शिकारी-जिम कार्बेट के नाम पर है। यह क्षेत्र 526 वर्ग कि.मी. में वनों से घिरा हुआ है।
यहां के वन्य प्रणाणियों में बाघ, चीता, जंगली भालू, आलसी भालू, हाथी, हिरण, अजगर और मगरमच्छ आदि शामिल हैं। पार्क में चिड़ियों की आश्चर्यजनक (585) प्रजातियां पाई गईं हैं।
जियोलीकोट :
1219 मी. 18 कि.मी. की दूरी पर यह एक हैल्थ-रिजार्ट और मधुमक्खी पालन केंद्र है। स्ट्राबेरी यहां बहुतायत में पैदा होती है। तितलियां पकड़ने वालों के लिए भी यह स्थान आकर्षण का केंद्र है।
नौकुचिया ताल:
1218 मी. 26 कि.मी. की दूरी पर यह नौ किनारों वाली झील है, जहां प्रवासी पक्षी आते हैं। झील में सैर करने के लिए यहां यॉच और पैडल-बोट दोनों उपलब्ध हैं।

रामगढ़ :
25 कि.मी. की दूरी पर यह स्थान कुमाऊं के बागानों के लिए जाना जाता है। यहां समृद्ध एस्टेट देखे जा सकते हैं।

सात ताल:
21 कि.मी. की दूरी पर मुख्य रिजॉर्ट के निकट तीन झीलें है ( मूल सात झीलों में से) जो भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के नामों पर हैं। अन्य झीलें कुछ दूरी पर हैं।

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