Tuesday, November 24, 2009

हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश का परिचय हिमालच प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा २५ जनवरी, १९७१ को मिला। इसे शिमला और आसपास की ३० पहाडी रियासतों को मिलाकर बनाया गया था। एक तरफ इस प्रदेश की ऊंची पहाडयों पर चांदी की तरह चमकती सफेद बर्फ सैलानियों का अपनी ओर आकृष्ट करती हैं तो दूसरी ओर पहाडों की गोद से उतरती रावी, व्यास, चिनाब और सतजल नदियां अलग ही छटा बिखेरती हैं। उस पर फूलों से महकते बाग-बगीचे और प्राकृतिक चरागाह इसकी गरिमा में अभिवृद्धि करते हैं। यह सैरगाह ट्रेकिंग, बर्फ पर स्केटिंग, स्कीइंग, हैंगग्लाइडिंग व पैराग्लाइडिंग जैसे रोमांचक खेलों के लिए मशहूर हैं। पहाडों पर ऊंचे-ऊंचे चीड, देवदार के पेड व जडीबूटियों की भरमार हैं।
किन्‍नौर:

किन्‍नौर का परिचय हिमाचल प्रदेश का एक जनजातीय जिला किन्नौर ६,४०७ कि.मी. में फैला एक ऐसा स्थान जहाँ का इतिहास बहुत प्राचीन हैं। यहां बहने वाली सतलज नदी के किनारे-किनारे चलकर ही किन्नौर यात्रा का आनंद लिया जा सकता हैं। यहाँ से भारत का सबसे महत्वपूर्ण वं संवेदनशील ‘हिन्दुस्तान-तिब्बत मार्ग‘ गुजरता हैं। संवेदनशील होने के कारण पर्यटकों को इस क्षेत्र में भ्रमण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार से परिमट जारी कराना पडता हैं। शिमला से किन्नौर भ्रमण करते हुएद्व लाहुल-स्पिति से होते हुए मनाली पहुंचा जा सकता हैं।


दर्शनीय पर्यटन स्‍थल

करचम
करचम (१८९९ मी.) सतलज और बस्पा नदियों के संगम स्थल जोअरी, वांग्तु और तापरी गांवों के बाद आता हैं, जहाँ से सुन्दर बस्पा और सांगला घाटी प्रारंभ होती हैं।......
सांगला
सांगला (२,८६० मी.) किन्नौर क्षेत्र में सबसे बडा एवं दर्शनीय गांव हैं, जो करचम से १८ कि.मी. दूर हैं। यहां केसर के खेत, फलोद्यान और ऊपर जाने पर आल्पस के चरागाह हैं। किन्नौर कैलाश चोटी मन मोह लेती हैं। यहां से काली देवी का किले जैसा मंदिर ‘कमरू फोर्ट‘ भी देखा जा सकता हैं।......

ठहरने हेतुः

स्बाला गेस्ट हाउस, रेकोंग पिओ, फोन २२२८५२
होटल बंजारा, सांगला, फोन ६५१३८२८
रूपिन रीवर गेस्ट हाउस, सांगला फोन २४४२२५, २४४२०५
किन्नर कैलाश कॉटेज, कल्पा फोन २२६१५९
शिवालिका गेस्ट हाउस, कल्पा फोन २२६१५८
पी.डब्ल्यूडी रेस्ट हाउस तथा फोरेस्ट गेस्ट हॉउस उपलब्ल हैं
ट्रेवल एजेन्ट
स्नोलाईन ट्रावेल्स, छोलिंग, फोन २५३१८७
नेशनल ट्रेवलर, रेकोगं पिओ, फोन २२२२४८
नाहन

नाहन का परिचय नाहन की स्थापना सन् १६२१ में महाराजा करम प्रकाश द्वारा की गयी थी। ९३२ मीटर ऊंचाई पर स्थित नाहन सिरमौर जिले का मुख्यालय हैं। इस गौरवपूर्ण एवं नैसर्गिंक कस्बे में घुमावदार गलियॉ।, पुराने महल आदि खूबसूरती लिये हैं। यहाँ का सौ वर्ष पुराना नगर परिषद् कार्यालय भारत के सबसे पुराने कार्यालयों में से एक हैं।


नाहन में लखदाता पीर, लक्ष्मीनारायणद्व जगन्नाथ मंदिर, त्रिलोकीनाथ बाला सुन्दरी मंदिर एवं नजदीक ही छत्री, साकेती फॉसिल पार्क(जहाँ डायनासोर के अवशेष मिले हैं), सिम्बलवाडा वन्यजीव पार्क, जैतक किला(किला १० कि.मी.), लोगढ आदि दर्शनीय हैं।

दर्शनीय पर्यटन स्‍थल
रानीताल बाग
रानीताल बाग में बिखरी हरियाली, फूलों की खुशबू और पंछियों का चहकना इसके आकर्षण दुगुना कर देते हैं। बाग में एक तालाब और भव्य शिव मंदिर भी दर्शनीय हैं।......
चौगानः
चौगान सामाजिक व सांस्कृतिक हलचलों का प्रमुख ऐतिहासिक केन्द्र हैं, जहाँ सिरमौर उत्सव, राष्ट्रीय पर्वों आदि का आयोजन होता हैं।......


होटल
हिल व्यू होटल, फोनः - ०१७०२ - २२८२२
होटल हिमलोक, दादाहू
केशव गेस्ट हाऊस, फोनः- २२४५९
सिरमौर महल गेस्ट हाउस, फोन २४३७७-७८
पूछताछ एवं आरक्षण
बस स्टेण्ड फोन- ०१७०२ - २२२५१२

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